सावन में सड़कों पर शिवभक्तों की लंबी कतार देखते ही बन रही है. भगवा पोशाक पहने, कंधे पर कांवड़ लिए शिवभक्त बोलबम का जयघोष करते हुए महादेव को जल चढ़ाने के लिए अपने-अपने घरों से निकल पड़े हैं. वहीं कुछ कांवड़ भक्त सावन के इस महीने को शिव के साथ-साथ शहीदों को भी समर्पित कर रहे हैं. जी हां, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के केशोपुर साथला के लगभग 35 तीर्थयात्रियों ने सावन में निकले वाली कांवड़ यात्रा के जरिए देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को सम्मान दिया है, साथ ही इस यात्रा से लोगों को एकता और सौहार्द का भी संदेश दिया. 35 कांवड़ यात्रियों ने शहीदों के सम्मान में 361 फीट लंबा तिरंगा लेकर अपनी कांवड़ यात्रा शुरू की. दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांवड़ यात्रियों के द्वारा किए निकाले गए इस तिरंगा यात्रा को सभी ने सलाम किया. इस यात्रा को देखने के लिए हजारों लोग सड़कों के किनारे खड़े थे. कांवड़ यात्रा निकालने वाले 35 युवाओं ने देश के लिए जान की कुर्बानी देने वाले शहीदों के सम्मान में ऐसा किया. इन युवाओं ने उत्तराखंड के हरिद्वार के हर की पौड़ी में गंगा नदी से पवित्र जल उठाया फिर बमबम भोले का नारा लगाते हुए अपने गांव की ओर चल पडे. युवाओं ने बताया कि तिरंगे के साथ हर की पौड़ी का गंगाजल लेकर वो अपने गांव जाएंगे और गांव के शिव मंदिर में पवित्र 'गंगाजल' भोलनाथ को चढ़ाएंगे. इन युवाओं में से एक मुलचंद राजपूत ने कहा, "हम तिरंगा और हमारे देश से प्यार करते हैं. हमें उन शहीदों पर गर्व है, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दी है." गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा हर साल सावन के महीने में आयोजित होता है. इसमें भक्तों के द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड के कांवड़ यात्री भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए हरिद्वार से गंगा लेने जाते हैं. अनुमान के मुताबिक लगभग 50 लाख से अधिक लोग इस कांवड़ यात्रा में भाग लेते हैं.
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